एक आदमी कहीं जा रहा था । रास्ते में उसे एक पत्थर दिखा जिसपर लिखा था इसे उलट दो । उसने सोचा कि शायद इस पत्थर के नीचे कोई खास चीज़ हो । ऐसा सोच उसने उस पत्थर को उलट दिया । पत्थर के नीचे एक कागज़ पर लिखा था ' अब इस पत्थर को वापस पहले जैसा कर दो , अभी और मूर्ख आएंगे । |
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एक सुबह एक मां बेटे को जगा रही थी । मां- ' बेटा , उठो तुम्हें स्कूल नहीं जाना क्या ? ' बेटा- ' मां , आज मन नहीं है । ' मां- ' तुम्हारा रोज़ का यही नाटक हो गया है । अब जल्दी से उठो और ब्रश करो । ' बेटा- ' मां मैं नहीं जाऊंगा । वहां मुझे कोई पसंद नहीं करता बच्चे भी नहीं और टीचर्स भी नहीं । ' मां - ' जाना तो पड़ेगा ना तुम्हें । ' बेटा- ' पर क्यों मा ? ' मां- ' तुम वहां के प्रिंसिपल जो हो । |
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पहली कक्षा के अध्यापक बच्चों को छजू मुर्गे की कहानी सुना रहे थे । कहानी के एक हिस्से में छजू मुर्गा , किसान को धमकी देता है - ' सावधान हो जाओ , नहीं तो आसमान गिरने लगेगा । फिर अध्यापक ने बच्चों से पूछा - ' अब तुम लोग बताओ कि किसान ने क्या कहा होगा ? ' एक छोटी बच्ची हाथ खड़ा करके बोली- ' मुझे लगता है कि उसने कहा होगा , ' हे भगवान , बोलने वाला मुर्गा ! |
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एक भिखारी एक टीचर से- एक रुपए का सवाल है बाबा । टीचर- गणित के टीचर बाजू में हैं उन्हीं से पूछ लो । |
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नरेश- उमेश क्या तुम गरीबी को मिटा सकते हो ? उमेश- क्यों नहीं तुम बोर्ड पर लिख दो , मैं मिटा दूंगा । |
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शिक्षक - अगर सोने को खुली हवा में रख दिया जाए तो क्या प्रतिक्रिया होगी ? छात्र- सर वह चोरी हो जाएगा । |
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समुद्र किनारे खड़ा एक व्यक्ति जोर - जोर से चिल्ला रहा होता है- डूब रहा है डूब रहा है । भीड़ लग जाती है । एक व्यक्ति पूछता है कौन डूब रहा है भई ? पहला व्यक्ति - अरे वह सामने देखो सूरज डूब रहा है । |
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महिला ( दुकानदार से ) - सूती साड़ी देना । दुकानदार ( नौकर से ) - बनारसी साड़ी देना । महिला - भाई साहब , बनारसी नहीं सूती साड़ी चाहिए । दुकानदार - मेडम वह सूती साड़ी ही देगा । बनारसी तो उसका नाम है । .. |
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सुरेश- महेश तुम्हारी कार कैसी चल रही है ? महेश - क्या बताऊं यार, हॉर्न के अलावा सब कुछ बज रहा है । |
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जज ( जेबकतरे से ) - तुम मुझे बताओ कि तुमने इनकी जेब कैसे काटी ? जेबकतरा- सॉरी सर , मैं यह हुनर किसी को नहीं सिखाता । |