दुनिया के पीछे पड्या, दौड्या जाइ ।
दादू’ जिन पैदा किया ता साहिब कूं छिटकाय।।
दादू दयाल
मनुष्य अज्ञानवश अपने जीवनदाता को भूलकर दुनिया को प्रेम करता है। दादू दयाल कहते हैं कि अरे मन ! तू दुनिया के पीछे भाग रहा है, परंतु उसको भूल गया है, जिसने तुझे पैदा किया है। तू दुनिया को छोड़कर उस मालिक में ध्यान लगा।