मैं मैं बड़ी बलाय है, सको तो निकसो भागि।

मैं मैं बड़ी बलाय है, सको तो निकसो भागि।



मैं मैं बड़ी बलाय है, सको तो निकसो भागि।

कहै ‘कबीर’ कब लगि रहै, रुई लपेटी आगि।।

                                                कबीर

अहंकार के जंजाल से यथाशीघ्र बाहर निकल आओ। अहंकार बहुत बुरी चीज है। इससे जितना जल्दी हो सके निकल जाओ। जैसे रुई में जरा-सी चिंगारी आग लगा देती है, उसी प्रकार अहंकार मनुष्य का सर्वनाश कर देता है। अहंकार के कारण मनुष्य स्वयं का सही मूल्यांकन नहीं कर पाता।