दाया दिल में राखिये, तू क्यों निरदय होय ।
सांई के सब जीव हैं, कीड़ी कुंजर सोय ।।
कबीरदास
कबीरदास जी का कथन है कि अपने हृदय में सदैव दया रखो, निर्दयी मत बनो, क्योंकि चींटी से हाथी तक सभी जीव ईश्वर के हैं । सभी प्राणियों में प्राण हैं, सभी भगवान के बनाए हुए हैं, सब पर दया करो । जो समस्त प्राणियों से प्रेम करता है, वही ईश्वर के सबसे अधिक निकट होता है