कायायि काशी मंज़ वेशिनाथइ सूहम भावय पूज्यज़्यन ।
सुबह शामह रथि खार रात प्रभातई, सूहम भावय पूज्यज्यन ।।
भक्ती मुक्ती करि शक्तिपातई, न्येरिय लावय पूज्यज्यन ।
गरि गरि सरह कर जातो सिफातई, सूहम भावय पूज्यज्यन ।।
अदर वेशिनाथो छि मोकलम बाथई न्यत सतनावय पूज्यज्यन ।
कल्पह वक्ष जानुन चई पारिजातई, सूहम भावय पूज्यज्यन ।
सतगुरू नारायण साक्षातई, भीदह बुद्ध म थावई पूज्यज़्यन ।
नाथई गोवेन्द त गोवेन्द नाथई, सूहम भावय पूज्यज्यन ।।