गुरु मुखह वुछमख परमीशृरय, श्री सतगरुय लगयो ।
वन्दयो पादन दिलि जिगरय, सानि दिलबरय लगहयो ।
शिव शक्ति-पातह दातह म्यनि ईशृरय, श्री सतगुरय लगयो ।।
मुख कमल चोन वूछ सुन्दरय, हृदयि अन्दरय लगहयो ।
चई अन्दरय चई न्यबरय, श्री सतगुरय लगहयो ।
चये ज़रह जरह ही अज़रय, आय ज़रह ज़रह लगहयो ।
ज़रस बनिथ गव भासकरय, श्री सतगुरय लगहयो ।।
'शम्भू' बोलान प्राणह कुमरय बोज़ डुमरय लगहयो ।
दमह दमह चोनुय नावसुमरय, श्री सतगुरय लगहयो ।
अमृत चावुम ही अमरय, चलि मरह मरय लगयो ।
बरतम अथह छुय अभय वरय, श्री सतगुरय लगहयो ।
श्रांन करहनोवथस मानहसरय चेय स्यीत तरय लगहयो,
हंसन स्यीत्यन रात दोह बरय, श्री सतगुरय लगहयो
पूजा करयो हृदयि मन्दरय, हर दमह अन्तरय लगहयो ।
आरती करहय ह्ययथ चामरय, चई चराचरय लगहयो
आश्चर होवथम ही आश्चरय, चई चराचरय लगहयो ।
गोवेन्दस बोज़ आरचरय, श्री सतगुरय लगहयो ।
श्रांन करहनोवथस मानहसरय जेय स्यीत तरय लगहयो ।
हंसन स्यीत्यन रात दोह बरय , श्री सतगुरय लगहयो ।
पूजा करयो हृदयि मन्दरय , हर दमह अन्तरय लगहयो ।
आरती करहय ह्ययथ चामरय , चई चराचरय लगयो ।।
आश्चर होवथम ही आश्चरय , चई चराचरय लगहयो ।
गोवेन्दस बोज आरचरय , श्री सतगुरय लगहयो ॥