गुरू मुखह वुलमख

गुरू मुखह वुलमख



Swami Govind ji

गुरु मुखह वुछमख परमीशृरय, श्री सतगरुय लगयो ।

वन्दयो पादन दिलि जिगरय, सानि दिलबरय लगहयो ।

शिव शक्ति-पातह दातह म्यनि ईशृरय, श्री सतगुरय लगयो ।।

मुख कमल चोन वूछ सुन्दरय, हृदयि अन्दरय लगहयो ।

चई अन्दरय चई न्यबरय, श्री सतगुरय लगहयो ।

चये ज़रह जरह ही अज़रय, आय ज़रह ज़रह लगहयो ।

ज़रस बनिथ गव भासकरय, श्री सतगुरय लगहयो ।।

'शम्भू' बोलान प्राणह कुमरय बोज़ डुमरय लगहयो ।

दमह दमह चोनुय नावसुमरय, श्री सतगुरय लगहयो ।

अमृत चावुम ही अमरय, चलि मरह मरय लगयो ।

बरतम अथह छुय अभय वरय, श्री सतगुरय लगहयो ।

श्रांन करहनोवथस मानहसरय चेय स्यीत तरय लगहयो,

हंसन स्यीत्यन रात दोह बरय, श्री सतगुरय लगहयो

पूजा करयो हृदयि मन्दरय, हर दमह अन्तरय लगहयो ।

आरती करहय ह्ययथ चामरय, चई चराचरय लगहयो

आश्चर होवथम ही आश्चरय, चई चराचरय लगहयो ।

गोवेन्दस बोज़ आरचरय, श्री सतगुरय लगहयो ।

श्रांन करहनोवथस मानहसरय जेय स्यीत तरय लगहयो ।

हंसन स्यीत्यन रात दोह बरय , श्री सतगुरय लगहयो ।

पूजा करयो हृदयि मन्दरय , हर दमह अन्तरय लगहयो ।

आरती करहय ह्ययथ चामरय , चई चराचरय लगयो ।।

आश्चर होवथम ही आश्चरय , चई चराचरय लगहयो ।

गोवेन्दस बोज आरचरय , श्री सतगुरय लगहयो ॥