श्यामह सुन्दर मुर्ली वोलुय कृष्णह भगवान मा डियूठवोन ।
वैकुण्ठह वसिना स्यीत ह्यथ खसिनो, असि ना लसिना टोठ सोन।
असिना असिना आमुत लोलुय, कृष्णह भगवान मा डियूठवोन।।
भय मे हरि हे शूखई गलि हे, रुगई बलि हे वलि हे लोल ।
फोलि हे हृदय चलि हेहोलय, कृष्णह भगवान मा डियू ठवोन ।।
लायस नादा दियिना दादा, राधा बनिथईब प्रारान ।
करि प्रसादा बन्सरी वोलय, कृष्णह भगवान मा डियूठवोन ॥
छावान बागस पोशि नूल बनिथई, नागस प्यठस्यीत ह्यथ हंसन ।
कँवल सरहसई गोवेन्दकोलय,
कृष्णह भगवान मा डियू ठवोन ।।