सुय रछियो गछसू शरणई

सुय रछियो गछसू शरणई



Swami Govind ji

सुय रछियो गछसू शरणई,

ईश्वरसई नाद लाय, ईश्वरसई नाद लाय ।

भक्तन हंद्य दुख नो ज़रनई

अज़रसई नाद लाय अज़रसई नाद लाय ।।

भय कति तति गटह रोज़े,

येति आस्ये शिवह सायस येति आसे शिव सायस ।

केंकर यम क्या चे करनय,

शंकरसई नाद लाय शंकरसई नाद लाय ।।

भक्तन मरह मरह कासे,

चोपार्य बासे पानह शिवनोपार्य बासे पानह शिव।

पन्कज्य पाद तिहंद्य वरनई,

अमरसई नाद लाय अमरसई नाद लाय॥

आश थव सुय गाश अनी,

नाश पापनई करीय, नाश पापनई करीय ।

इम दयसई लोल बरनय,

आश्चरसई नाद लाय आश्चरसई नाद लाय।।

पज्य पाठ्य फुटि गयी शरणई,

ईश्वरनई तिम वरिय, ईश्वरनई तिम वरिय।

पापी पत्यत ति तरनई,

आगरसई नाद लाय आगरसई नाद लाय॥

गोवेन्दो पान पुशिराव,

त्राव दिह अभिमानई त्राव दिह अभिमानई।

संकट सारिय चे हरनई,

सतगुरूसई नाद लाय सतगुरूसई नाद लाय॥