दयालु मैया से हम दया माँगते हैं।
अपने गुनाही की क्षमा माँगते हैं।।
नहीं मुझसा अधम और पापी।
सतकर्म मैया किये न कदापि।।
किये मैया जी हमने अपराध भारी।
उनकी हृदय से क्षमा माँगते हैं।।
दयालु मैया से हम दया माँगते हैं।
तेरी भक्ति में हरदम मगन हो।
नित आत्मा चिन्तन में हरदम लगन हो।।
प्राण जिस घड़ी निकले तेरा ही मनन हो।
यह वरदान मैया हम माँगते हैं।।
दयालु मैया से हम दया माँगते हैं।
स्र्वग के सुखों की न कुछ कामना है।
दुनिया के भोगों की न कुछ चाहना है।।
यही एक आशा है भक्तों की तेरी।
ये भक्त तेरा ही दर्श माँगते हैं।।
दयालु मैया से हम दया माँगते हैं।