जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम ।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
एक हृदय में प्रेम बढ़ावे, एक पाप के ताप मिटावे।
दोनों सुख के सागर हैं, दोनों हैं पूरण काम।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
माखन बृज में एक चुरावे, एक बेर शबरी घर खावे।
प्रेम भाव से भरे अनोखे, दोनों के है काम।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
एक कंस पापी संहारे, एक दुष्ट रावण को मारे।
दोनों दीनों के दुख हर्ता, दोनों बल के धाम।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
एक राधिका के संग साजे, एक जानकी संग बिराजे।
चाहे सीताराम कहो, या बोलो राधेश्याम।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
दोनों है घट-घट के वासी, दोनों है आनंद प्रकाशी।
‘भक्त‘ सदा गोविन्द भजन से, मिलता है विश्राम।।
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।