श्याम सुन्दर की खबरिया, आज तक पाई नहीं।
जब से गया है साँवरा, कोई सुधि आई नहीं।।
श्याम सुन्दर की खबरिया, आज तक पाई नहीं।
एक जी में ऐसी आवे, श्याम से जाकर लडूँ।
बात बिना कारण के लेकिन, हमसे लड़ा जाता नहीं।।
श्याम सुन्दर की खबरिया, आज तक पाई नहीं।
एक जी में ऐसी आवे, श्याम से जाकर मिलूँ।
रास्ता जाने बिना, हमसे मिला जाता नहीं।।
श्याम सुन्दर की खबरिया, आज तक पाई नहीं।
एक जी में ऐसी आवे, श्याम को पाती लिखूँ।
बिना कलम बिन रोशनाई, हमसे लिखा जाता नहीं।।
श्याम सुन्दर की खबरिया, आज तक पाई नहीं।