नफॅसुय म्योन छुय होस्तुय,
अॅमि हॅस्त्य् मोंगनम् गरि गरि बल।
लछि मँज़ सासॅ मॅज़ अखा लोस्तुय,
न त हातिनम् साॅरिय तल।।
मेरा यह लोभी मन (पेटू) हाथी है। इस हाथी ने हर घड़ी बल मांगा है। इसके चंगुल से हाजारों-लाखों में से एकाध बचा हो तो हो, अन्यथा इसने सबको पददलित कर दिया है।
Contributed By: अशोक कौल वैशाली