दमन बस्ती दितो दम्,
तिथय यिथॅ दमन खार ।
शस्तॅरस स्वन गछ़ी हॉसिल,
वुनि छय रूल तॅ छ़ाणडुन छ़ाणडुन यार।।
अर्थात्
जिस प्रकार लुहार धोंकनी में हवा भर कर लोहे को (अपनी इच्छानुसार) आकार में ढाल लेता है, उसी तरह तू भी देह रुपी धोंकनी में प्राणायाम की विधि को अपना ले। इस क्रिया से लोहा स्वर्ण में परिणत होगा। अभी समय है अपने यार को तलाश कर।
Contributed By: अशोक कौल वैशाली