दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया।।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया।
द्वार पे उसके जाके, कोई भी पुकारता।
परम कृपा से अपनी, भव से उबारता।।
ऐसे दीनानाथ पर, बलिहारी सारी दुनिया।।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया।
छोड़ के प्रपंच सारे, करले विचार तू।
प्यारे प्रभु को अपने, मन में निहार तू।।
बिना हरि नाम के, दुखियारी सारी दुनिया।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया।
नाम का प्रकाश, जब अन्दर जगायेगा।
प्यारे श्री राम का, तू दर्शन पायेगा।।
वही एक ज्योति, अंधियारी सारी दुनिया।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया।