ग्यान-मारग छय हाकॅ-वाॅर,  Lalla Vakh लल वाख  -

ग्यान-मारग छय हाकॅ-वाॅर,  Lalla Vakh लल वाख  -



ग्यान-मारग छय हाकॅ-वाॅर,

दिज़्यस शम-दमॅ क्रयि पॅन्य ,।

लामाच़कॅ पोश प्राॅन्य -कयि,

ख्यनॅ ख्यनॅ  म्वच़िय वाॅरूय  छेन्य। ।

ज्ञान-मार्ग शाक-वाटिका है, इसके चारों ओर शम,दम ओर सत्यकर्म की बाड़ लगा। इस प्रकार तेरे पूर्व कर्मों का फल उस पुश-बलि  की तरह चुक जायेगा, जो साग-पात खा कर देवी की भेंट चढ़ जाता है । निरन्तर  साग खाते रहने से ही वाटिका खाली हो जाएगी।

Contributed By: अशोक कौल वैशाली