ऑसा बोल पॅड़िन्यम् सासा,
म्म मनि वासा खीद ना हिये।
ब्व योद सह्रज़ शंकर भॅकच़ आसा,
मुकरिस सासा मल् क्या प्यये।।
कोई मुझे हज़ार गालियां क्यो न दे, मेरे मन में इसका तनिक भी खेद नही है। यदि में सहज ( स्वात्म ) शंकर की भक्त हुॅ , तब दर्पण पर राख की मैल कभी नहीं जम सकेगी।
Contributed By: अशोक कौल वैशाली