दिल्ली में कांग्रेस सरकार के रहते कश्मीर में आतंकवाद खत्म नही होगा

- दिल्ली में कांग्रेस सरकार के रहते कश्मीर में आतंकवाद खत्म नही होगा




दिल्ली में कांग्रेस सरकार के रहते कश्मीर में आतंकवाद खत्म नही होगा

कौसर तसलीन   

हमने कश्मीर में सुना था कि जनसंघ वालों के खूनी दांत होते हैं और वे मुसलमानों को खा जाते हैं। लेकिन जब हम जम्मू पहुंचे तो यह धारणा गलत निकली। इन्हीं लोगों ने हमारी मदद की।

जब हम कश्मीर से भागकर आए तो जख्मों से भरे थे। उस समय केवल भाजपा ने ही हमारी मदद की और आज भी कर रही है। हमने कश्मीर में सुना था कि जनसंघ वालों के खूनी दांत होते हैं और ये मुसलमानों को खा जाते हैं। लेकिन हम जम्मू पहुंचे तो यह धारणा गलत निकली। इन्हीं लोगों ने हमारी मदद की।

यह एक गलत बात प्रचारित की जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी फिरकापरस्त है। भाजपा न फिरकापरस्त है और न ही मुसलमानों की दुश्मन। यह तो इंसानियत की पहचान है। जम्मू में तो मुसलमानों ने भी हमारी मदद नहीं की। पहले हम कांग्रेस पार्टी के पास गए थे। लेकिन उन्होंने हमें मुस्लिम दहशतगर्द समझकर शरण देने से इनकार कर दिया। कश्मीर में आतंकवाद के लिए यही कांग्रेस सौ प्रतिशत दोषी है, जिसने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। जब भी मुसलमानों पर ज्यादतियां हुई हैं, कांग्रेस के शासन में ही हुई हैं। जब तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार है तब तक कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं होगा।

कश्मीर में इस्लाम के नाम पर जो वहां कत्लोगारत हो रहा है वह गलत है। इसे जेहाद नहीं कहा जा सकता। मुसलमानों का सबसे बड़ा जेहाद अपने बच्चों की परवरिश करना है, मां-बेटी की इज्जत को बचाना है। घाटी में तो पाकिस्तान की आई.एस.आई. के इशारे पर आतंकवाद बढ़ रहा है; जिससे इस्लाम बदनाम हो रहा है, यह सब सख्ती से दबाना चाहिए। आतंकवाद के रास्ते पर जाना, किसी भी समस्या का हल नहीं है।

मुसलमानों को अपने वतन से प्यार होना चाहिए। अगर हम अपने को हिन्दुस्थानी कहते हैं, तो कोई गलत नहीं है। हम हिन्दुस्थानी ही हैं और हिन्दुस्थान से हमें प्यार है।

कौसर तसलीन: सचिव मुस्लिम विस्थापित मोर्चा जम्मू कश्मीर भाजपा

अस्वीकरण:

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साभार:-  कौसर तसलीन एवं 10 अप्रैल 1994 पाञ्चजन्य