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कार्तिक कृष्ण पक्ष पंचमी Karthik Krishna Paksha, Panchami

Heaven Hell स्वर्ग नरक

Heaven Hell स्वर्ग नरक

स्वर्ग कैसा होता है और नरक कैसा ? इस प्रश्न पर दो जिज्ञासुओं में वार्त्ता चल रही थी। विवेचन का कुछ निर्णय न निकल सका तो दोनों सुस्ताने के लिए वन-विहार को निकल पड़े।

देखा कि एक झाड़ी में से खरगोश निकाल निकाल कर एक अहेरी उनका कतर ब्योंत कर रहा था। थोड़ी दूर आगे चलने पर देखा कि एक लड़का अपनी झोंपड़ी के आगे बैठा कबूतर चुगाने का आनंद ले रहा था ।

उनके विवाद का प्रत्यक्ष समाधान निकला। अहेरी के कृत्यों में उन्होंने नरक और लड़के की उदारता में स्वर्ग की झाँकी पाई। विवेचना की तुलना में प्रत्यक्ष दर्शन अधिक प्रभावी सिद्ध हुआ।

साभारः- अगस्त, 2004, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 55