Admiration श्रद्धा
एक हिंदू और एक मुसलमान साथ-साथ जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी। हिंदू को राम और मुसलमान को खुदा पर विश्वास था। सो वे दोनों विश्वासपूर्वक अपने-अपने इष्ट का नाम लेते हुए पार हो गए।
एक तार्किक यह दृश्य देख रहा था। उसने सोचा- 'राम-खुदा' का मिश्रण करके तैरा जाए तो आधे समय में ही पार हुआ जा सकता है। श्रद्धा के अभाव में उसका नाम-जप व्यर्थ गया और वह पानी में डूब गया। नाम की नहीं, श्रद्धा की महत्ता है।
साभारः- अगस्त, 2004, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या -26