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कार्तिक कृष्ण पक्ष पंचमी Karthik Krishna Paksha, Panchami

Duty कर्त्तव्य

Duty कर्त्तव्य

एक न्यायप्रिय राजा सादा वेश में अपनी प्रजा की खैर-खबर लेने निकला। जब कभी वह जनता के दुःख-दरद को सुनने निकलता तो किसी अंगरक्षक या मंत्री को साथ में नहीं लेता था और न राज्य के अधिकारियों को किसी प्रकार की सूचना देता ।  

कितने ही व्यक्तियों से संपर्क करते हुए वह एक बगीचे में पहुँचा। वहाँ एक वृद्ध माली नया पौधा लगा रहा था। उसे देखकर राजा ने पूछा- “यह तो अखरोट जैसा पौधा मालूम पड़ता है।" "हाँ! हाँ!! भैया तुम्हारा अनुमान ठीक है।” माली का उत्तर था ।

"अखरोट तो बीस-बाईस वर्षों में फलता है, तब तक क्या इस पौधे के फल खाने के लिए बैठे रहोगे। "

“बात यह है कि हमारे बाप-दादा ने इस बगीचे को लगाया था। खून-पसीना एक करके इसको सींचा, देख-भाल की और फल हम लोगों ने खाए। अब हमारा भी तो यह कर्त्तव्य है कि कुछ वृक्ष दूसरों के लिए लगा दें। अपने खाने के लिए पेड़ लगाना तो स्वार्थ की बात होगी। मैं यह नहीं सोच रहा हूँ कि आज इस पौधे की क्या उपयोगिता है। यह भविष्य में दूसरों को फल प्रदान करे, बस, यही इच्छा है।” वृद्ध माली की बात सुनकर राजा बहुत प्रभावित हुआ।

साभारः- अगस्त, 2004, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या -20