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कार्तिक कृष्ण पक्ष पंचमी Karthik Krishna Paksha, Panchami

Life is Precious जीवन बहुमूल्य

Life is Precious जीवन बहुमूल्य

एक व्यापारी रेगिस्तान के रास्ते से व्यापार कर के लौट रहा था। उसने अपनी झोली में कई कीमती हीरे-जवाहरात आदि भर रखे थे। कुछ शुभचिंतकों ने उसे समझाया कि वो अपना कुछ भार हलका कर दे और मोतियों के बदले पानी की चिश्तियाँ बाँध ले। उसने उनकी राय पर ध्यान न देकर यात्रा जारी रखी। दुर्योग से वो रास्ता भटक गया। साथ में लाई रसद व भोजन सामग्री धीरे-धीरे चुक गई। वह भूखा | प्यासा निढाल पड़ा था तब रत्नों-माणिकों के वजन को देखकर उसे अनुभव हुआ कि जीवन में जीवन से ज्यादा बहुमूल्य और कुछ भी नहीं। हीरे-मोतियों की चमक थोड़ी | देर का आकर्षण जरूर प्रस्तुत करती है, पर कठिन समय में पानी की एक बूँद के सामने कोहिनूर की कीमत भी एक पत्थर से ज्यादा नहीं ।

साभारः- सितंबर, 2012 % अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या -  46