चिनार की चीख एक विचार

चिनार की चीख एक विचार


डी के गंजू    

चिनार भी अब चीख उठा। बाकी आप की दुवा से सब ठीक ठाक है। अल्लाह का करम है। रुपये पैसे की कोई कमी नही। इस साल बर्फ बारी थोड़ा पहले हो गई। कोई परेशानी नही। अल्लाह बहुत बड़ा है। वह रज़ाक है। कहते हैं कश्मीर में चिनार अब खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है। यही हालत रही तो कश्मीर का चिनार एक बीते ज़माने की बात बन कर रह जाएगा। जहां कहीं यह चिनार अभी ज़िंदा है वहां ज़्यादातर उस के पत्ते ज़र्द होने लगे हैं । कहीं यह क़ुदरत का कोई गायबी इशारा तो नही ? ऐसा कुछ नही होगा। चिनार नही भी रहेगा तो क्या हुवा। जन्नत से हम नई नस्ल के चिनार मंगवाएंगें। डरना चाहिए उनको जिन के आमाल खराब होते हैं। हमारे कश्मीर में कोई एक भी ऐसा नही मिलेगा जो ख़ौफ़ ए ख़ुदा से न डरता हो। क्यों भूल जाते हो हमारा कश्मीर रेष-वअर है। हम ने कौन सा किसी पर जुल्म किया जो ऊपर वाला हम पर ज़ुल्म करेगा। देख लेना, चिनार फिर ज़िंदा होगा।

अस्वीकरण :

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साभार: डी के गंजू