प्रमाणपत्र नहीं है मेरे पास

प्रमाणपत्र नहीं है मेरे पास


प्रमाणपत्र नहीं है मेरे पास

डा रतन लाल शांत

मैं साबित नहीं कर सकूँगा, महोदय

कुछ भी साबित नहीं कर सकूँगा।

आपको मेरी भाषा प्रामाणिक नहीं लगती

मेरे माथे की चौड़ाई

मेरी नजरों की पहुंच

मेरे कदमों की उठान

मेरे हाथों के हस्ताक्षर प्रामाणिक नहीं लगते

नहीं कर सकूँगा कुछ भी प्रमाणित

नहीं है प्रमाणपत्र मेरे पास

जतन के विस्थापन का, ननके निर्वासन का।

नहीं

नहीं, वह प्रमाणपत्र नहीं था

जो पलायन की उस रात

मेरा विद्यार्थी मेरे आंगन में फेंक गया था।

वह मेरे होनहार-शिष्य का हस्ताक्षरित

अल्टीमेटम था।

जिसके रू से

अगली सुबह उगने वाला सूरज

मेरे रोशनदान में रखा

टाइम-बम था।

नहीं

वह भी नहीं था प्रमाणपत्र

वह जो मेरे पड़ोसी का वचन था

पड़ोसी जो मेरी प्रतिरक्षा में समर्पित शेर था

प्रतिहिंसा के भी अपने वचन के सामने खुद ढेर

था।

नहीं

नहीं दिया समय ने भी प्रमाणपत्र

वह एक था चश्मदीद गवाह

जो सुलतानी हो गया

वह साफ इनकार कर गया

कि मैं रातों-रात उसके पहरे की सीमा को

पार कर गया,

निर्वासितों में शामिल

एक और प्राणी हो गया।

 

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साभार:-  डा रतन लाल  शांत एवं 10 अप्रैल 1994 पाञ्चजन्य