दीवाना

दीवाना


दीवाना

मृणाल कौल

दीवाना हूं मैं दीवाना

उसी एक का दीवाना

टूट रहा हूं उसी एक को

छोड रहा हूं उसी एक को

जिसका हूँ मैं दीवाना

दीवाना हूँ मैं दीवाना।।

उसी एक का दीवाना

मिलता मुझको वह दीवाना,

मैं तो उसका परवाना

प्यार मेरा दिलदार मेरा है

मुझको प्यारा दीवाना

दीवाना हूँ मैं दीवाना।।

अब ना आये दीवाना

दीवाना हू मैं दीवाना हू

अजब रंग दिखलाता वो तो

मेरे पास ही ना आता वो

रूठ गया अब मुझसे वो तो

उसी एक का दीवाना ||

अब तो आजा दीवाना

दीवाना हूं मैं दीवाना

तू शम्मा में परवाना हूं

दीवाना हूं मैं दीवाना

मैं गाऊं, मैं हसाऊ

उसी एक का दीवाना।।

मस्ताना हूँ, दीवाना हूं

प्यार मेरे का दीवाना

उसी एक का दीवाना ।।

मृणाल कौल

अस्वीकरण:

उपरोक्त लेख में व्यक्त विचार अभिजीत चक्रवर्ती के व्यक्तिगत विचार हैं और कश्मीरीभट्टा .इन उपरोक्त लेख में व्यक्तविचारों के लिए जिम्मेदार नहीं है।

साभार:- मृणाल कौल एंव अप्रैल-मई 1995 कोशुर समाचार