चन्दन - वृक्ष
डॉ बी एन कल्ला
यह चंदन का वृक्ष, कश्यप का वृक्ष,
अपनी गोदी में बिठाकर
किया प्यार भिन्न-भिन्न फूलों से
विकसित तथा पल्लवित किया
पुष्पित किया
आंधी सही, तूफान सहा
गर्मी का प्रचण्ड कोप सहा
ठिठुरती हुई सर्दी सही,
हिमपात सहा
कड़कती हुई बिजलिया सही
वज्रपात सहा क्या न सहा?
हाय! विषैले सांपों ने इसे घेर लिया
जर्जरित किया
लेकिन यह
चन्दन - वृक्ष |
कश्यप का वृक्ष ।।
अस्वीकरण:
उपरोक्त लेख में व्यक्त विचार अभिजीत चक्रवर्ती के व्यक्तिगत विचार हैं और कश्मीरीभट्टा .इन उपरोक्त लेख में व्यक्तविचारों के लिए जिम्मेदार नहीं है।
साभार:- डॉ. बी. एन. कल्ला एंव अप्रैल-मई 1995 कोशुर समाचार