मैं किसी छवि में कैद नहीं होना चाहता - राज जुत्शी
Aditya आदित्य
कला जगत
अभिनेता राज जुत्शी का कहना है :
बचपन में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं बड़ा होकर एक्टर बनूंगा। सच बात तो यह है कि जब मैं छोटा था तो सोचता था कि बेवकूफ लोग ही एक्टर बनते हैं लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया मुझे अभिनय का शौक होता गया। स्कूल के समय से हीं मैं नाटकों में भाग लेने लगा था। कालेज के दौरान भी नाटकों में भाग लेता रहा। यहां बबई आने के बाद नसीरुद्दीन शाह के थिएटर ग्रुप से जुड गया।
बई आने पर मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। मां-बाप को अक्सर सुनना पड़ता था कि तुम्हारा बेटा फिल्मों में काम करता है लेकिन वह कभी पर्दे पर तो दिखा नहीं। हम भी मा-बाप को क्या जवाब देते कि क्या कर रहे हैं। लेकिन सच्ची लगन और परिश्रम से अंततः रास्ता तो मिलता ही है।
कैमरे का सामना मैंने काफी कम उम्र में ही कर लिया। था। जब मैं हिंदू कालेज में था तभी दूरदर्शन पर हिंदी में प्रश्न मंच और अंग्रेजी में यूथ फोरम जैसे कार्यक्रम किए थे। बाद में मुझे ' अंकुश' फिल्म में छोटी-सी भूमिका मिली थी। मेरा वह किरदार काफी दब्बू हिजडे किस्म के लडके का किरदार था। फिर केतन मेहता की 'होली' में एक मस्त लड़के की भूमिका मिली। जिसे प्रिंसिपल से झगड़ा होने के कारण कालेज से निकाल दिया जाता है। 'कयामत से कयामत तक' में आमिर खान के साथ एक छोटी-सी भूमिका की फिल्म 'शिवा' में पहली बार एक लंबी-चौड़ी भूमिका मिली।
लेकिन वह भूमिका, जिससे मुझे खासा नाम व पहचान मिली वह थी 'गृह लक्ष्मी का जिन्न' में जिन्न की भूमिका। जिन्न की रोचक व अजीबो-गरीब भूमिका में लोगों को मेरा किरदार काफी पसंद आया। जिन्न लोक के अधकचरे जीनू जिन्न के नटखटपन को दर्शकों ने काफी सराहा। हालांकि इससे पूर्व भी छोटे पर्दे पर कई अच्छी भूमिकाएं की थीं। धारावाहिक 'युगांतर' में जमींदार के लड़के की भूमिका निभाई थी जो जमींदार होने के बावजूद क्रांतिकारी विचारों का था। फिर कई शायरों की जिंदगी पर बने धारावाहिक 'कहकशां' में जिगर मुरादाबादी का किरदार निभाया था। मैं समझता हूं कि यह मेरी जिंदगी का सबसे अहम रोल था। इसके लिए मुझे अपने उच्चारण पर खास ध्यान देना पड़ा था।
अगर मेरे अब तक के कैरियर को देखा जाए तो आप पाएंगे कि मैंने हर बार अलग तरह की भूमिका निभाई है। हर बार नई छवि, नया अंदाज रहा है। हास्य भूमिका, गंभीर भूमिका, खलनायक की भूमिका, नायक की भूमिका हर तरह का काम कर रहा हूं। किसी छवि में कैद नहीं होना चाहता। मेरा सपना है कि लोग मुझे एक ऐसे अभिनेता के रूप में जानें जो कभी किसी छवि में नहीं बंधा ।
प्रस्तुति: आदित्य
अस्वीकरण:
उपरोक्त लेख में व्यक्त विचार अभिजीत चक्रवर्ती के व्यक्तिगत विचार हैं और कश्मीरीभट्टा.इन उपरोक्त लेख में व्यक्त विचारों के लिए जिम्मेदार नहीं है।
साभार: आदित्य and मार्च 1996 कोशुर समाचार