Muje Rass Aa Gaya मुझे रास आ गया

Muje Rass Aa Gaya मुझे रास आ गया



मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

तुझे मिल गई पुजारिन, मुझे मिल गया ठिकाना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

इतना तो गम नहीं है, चाहे रुठ दुनिया जाए।

गम है तो इतना केवल, कहीं तुम ना रुठ जाना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

तेरी बन्दगी से पहले, मुझे कौन जानता था।

सर अब जो झुक गया है, आता नहीं उठााना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

तेरी साँवरी सी सूरत, मेरे दिल में बस गई है।

ओ साँवरे सलोने, अब और न सताना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

दुनिया की ठोकरों से, आई हूँ तेरे द्वारे।

आ जाओ श्याम प्यारे, करके कोई बहाना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।

मेरी आरजू यही है, दम निकले दर पे तेरे।

अभी साँस चल रही है, कहीं तुम चले न जाना।।

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना।