Shree Krishan Sankirtan  श्री कृष्ण-संकीर्तन

Shree Krishan Sankirtan  श्री कृष्ण-संकीर्तन



जय जय माधव मदन-मुरारी, राधे श्यामा श्याम।। टेक।।

गल सोहे वैजन्ती माला, मस्तक में सोहे मुकुट विशाला।

या छवि की बलिहारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

ग्वाल बाल संग धेनु चराई, वन वन आप फिरे यदुराई।

बांधे कमरी कारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

चुरा-चुरा नवनीत जो खायो, ब्रज वनितम पर नाम धरायो।

माखन चोर मुरारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

एक दिन मान इन्द्र को मारो, नख ऊपर गोवरर्धन धारो।

नाम पड़यो गिरधारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

करुणाकर द्रोपदी पुकारी, पल में लिपट गये बनवारी।

निरखि रहे नर औ नारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

कबहूँ लूट लूट दधि खायो, कबहूँ मधुबन रास रचायो।

नृत्यत विपिन बिहारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

अर्जुन के रथ हांकन हारे, गीता के उपदेशन बारे।

दर्शन दो गिरधारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।

भक्त अभक्त सब तुमने तारे, भ्क्तिहीन हम ठाढ़े द्वारे।

सुध लो नाथ हमारी, राधेश्याम श्यामा श्याम।।