Param Shakti परमशक्ति
किसी बादशाह ने एक महात्मा से पूछा "क्या आपको कभी मेरी याद आती है ? उसने जवाब दिया- "हाँ, जब मैं ईश्वर को भूल जाता हूँ।" राजा कुछ समझ न पाया तो महात्मा ने समझाया- "जब हम इस परमात्मा के विधान व उसकी कृपालुता पर विश्वास न कर उसका चिंतन छोड़ देते हैं, तभी हमें मानवीय शक्तियों पर निर्भर रहने की आवश्यकता मालूम पड़ती है। यदि मनुष्य उस परमशक्ति पर ही आस्थावान रहे तो फिर नाशवान मानवीय शक्ति पर उसे आश्रित रहने की आवश्यकता ही क्या है !
साभारः- अगस्त, 2004, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 43
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