Types of Men मनुष्यों के प्रकार
एक संत कह रहे थे– “मनुष्यों में कुछ देवता पाए जाते हैं, शेष तो नरपिशाच ही होते हैं।” जिज्ञासु ने पूछा- “भला इन नर-पिशाचों, मनुष्यों तथा देवताओं की पहचान क्या है?” संत ने कहा – “देवता वे हैं, जो दूसरे को लाभ पहुँचाने के लिए स्वयं हानि उठाने को तैयार रहते हैं। मनुष्य वे हैं, जो अपना भी भला करते हैं और दूसरों का भी। नरपिशाच वे हैं, जो दूसरों की हानि ही सोचते और करते हैं; भले ही इस प्रयास में उन्हें स्वयं भी हानि ही सहनी पड़े। "
साभारः- अगस्त, 2004, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 65