Sacrifice ones Life जीवन त्याग

Sacrifice one's Life जीवन त्याग

एक राजा को शिकार का बड़ा शौक था। जब भी वह शिकार के लिए जाता तो वन में हाहाकार मच जाता। उसके इस शौक से सभी वन्यजीव बड़े संतप्त थे। एक दिन 'जब वह शिकार के लिए निकलने वाला था तो एक सुंदर मृग उसके सम्मुख आकर खड़ा हो गया और बोला – “महाराज! आप नित्यप्रति शिकार के लिए जाने के स्थान पर मेरा शिकार कर लें। मेरे शरीर में कस्तूरी का भंडार है, वह आपको आजीवन लाभ देगी।" यह सुनकर राजा बोला – “तुम अन्य प्राणियों को बचाने के लिए अपना - जीवन त्याग क्यों कर रहे हो ?" मृग बोला- "महाराज! यह जीवन तो नश्वर ही है। यदि मेरे प्राण जाने से बाकी प्राणियों की जीवनरक्षा होती है तो इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है।" मृग की बातें सुनकर राजा का हृदय परिवर्तन हो गया और उसने जीवसेवा का व्रत लेने का निश्चय किया।

साभारः- सितंबर, 2016, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 43