Self-reliance आत्मनिर्भरता

Self-reliance आत्मनिर्भरता

ब्रिटेन के प्रसिद्ध शिक्षाविद् मिस्टर बूथ, सेवानिवृत्त होने के उपरांत जनसेवा में लग गए। एक दिन वे कहीं जा रहे थे कि उन्होंने देखा कि कुछ व्यक्ति एक पंद्रह वर्षीय किशोर की 'चोर-चोर' कहकर पिटाई कर रहे हैं। उन्होंने उस किशोर को उन लोगों से मुक्त कराया और उससे चोरी करने का कारण पूछा। वह किशोर बोला- “मैं अनाथ हूँ। कई दिनों से भूखा था और आज भूख सहन न करने के कारण मैंने दो रोटियाँ चुराईं। मैं आपको वचन देता हूँ कि अब कभी चोरी नहीं करूँगा।" मिस्टर बूथ उस किशोर को अपने घर ले गए और उसे भरपेट भोजन कराया। उस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया और उन्होंने अगले ही दिन 'अनाथ कल्याण आश्रम' के नाम से एक संस्था की स्थापना की, जिसका उद्देश्य अनाथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना था। उस एक संस्थान से आगे बढ़ते हुए उन्होंने पूरे विश्व में ऐसे अनेकों केंद्र खोले और कई अनाथ बच्चों का कल्याण किया।

साभारः- सितंबर, 2016, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 14