Panna Dhai पन्ना धाय

Panna Dhai पन्ना धाय

उदयसिंह तब छोटे थे, इसलिए उनके बड़े होने तक के लिए बनवीर को राज्य का उत्तराधिकार सौंप दिया गया, पर उसके मन में लोभ आ गया और उसने उदयसिंह और विक्रमसिंह को मार डालने का निश्चय किया।

उदयसिंह की माँ का देहांत हो चुका था, उनका पालन-पोषण पन्ना धाय ने किया था। पन्ना का अपना पुत्र भी था, जो उदयसिंह के साथ का ही था। एक दिन बनवीर ने विक्रमसिंह की हत्या कर दी, पन्ना को इसका पता चला तो उसने उदयसिंह को वहाँ से सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया। क्रोध से भरा बनवीर वहाँ भी पहुँच गया तो पन्ना ने अपने बच्चे को ही उदयसिंह बताकर उसका शीश कटा दिया, पर कर्त्तव्य को आँच नहीं आने दी। नैतिक कर्त्तव्य पारिवारिक मोह-ममता से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है।

साभारः- जनवरी, 2006, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 11