Selfless Feelings निष्काम भाव
भौंरा पुष्प से बोला–“ भाई फूल! एक-एक करके तुम सब तोड़ लिए जाते हो तो भी तुम प्रत्येक मौसम में नए-नए फूल खिलाते हो। एक बार तुम फूल निकालना ही बंद कर दो तो मनुष्यों को तुम्हारी कीमत पता चले।" पुष्प ने उत्तर दिया - " मित्र भौरे! हम पुष्प परमात्मा की सृष्टि को सुंदर बनाने के लिए खिलते हैं, मनुष्यों से शत्रुता निभाने के लिए नहीं।'' जो आनंद निष्काम भाव से भगवान की कृति को श्रेष्ठ बनाने में है, वो व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए किए गए कार्यों में कहाँ !
साभारः- सितंबर, 2012 % अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 31